समाचार सुनें बिल्सी समाचार सुनें। जैन धर्म के दूसरे तीर्थंकर भगवान अजीतनाथ स्वामी और तपस कल्याणक का जन्म शहर के नंबर 2 मोहल्ले में जैन श्री चंद्रप्रभु दिगंबर मंदिर में मनाया गया। यहां सुनील कुमार जैन, निर्भय कुमार जैन और सतीश जैन ने सबसे पहले भगवान जिनेंद्र का मंगल जलाभिषेक कर शांति धारा का प्रदर्शन किया। मीडिया अधिकारी प्रीत जैन सोनी ने बताया कि जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में अजितनाथ वर्तमान अवारस्पिनी काल के दूसरे तीर्थंकर हैं। अजितनाथ का जन्म माघ के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को अयोध्या के राजघराने में हुआ था। उनके पिता का नाम अजितशत्रु और माता का नाम विजया था। अजितनाथ का चिन्ह हाथी था। भारत के मंडल अध्यक्ष प्रशांत जैन, वर्षीय श्री दिगंबर जैन महासमिति ने कहा कि जैन धर्म का त्याग से गहरा संबंध है। उन्होंने कहा कि भगवान अजित की कुल आयु 72 लाख पहले थी। इस अवसर पर ममता जैन, रीता जैन, रेखा जैन, सोनिल जैन, अनुपम जैन, अविरल जैन आदि उपस्थित थे। संवाद बिली। जैन धर्म के दूसरे तीर्थंकर भगवान अजीतनाथ स्वामी और तपस कल्याणक का जन्म शहर के नंबर 2 मोहल्ले में जैन श्री चंद्रप्रभु दिगंबर मंदिर में मनाया गया। यहां सुनील कुमार जैन, निर्भय कुमार जैन और सतीश जैन ने सबसे पहले भगवान जिनेंद्र का मंगल जलाभिषेक कर शांति धारा का प्रदर्शन किया। मीडिया अधिकारी प्रीत जैन सोनी ने बताया कि जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में अजितनाथ वर्तमान अवारस्पिनी काल के दूसरे तीर्थंकर हैं। अजितनाथ का जन्म माघ के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को अयोध्या के राजघराने में हुआ था। उनके पिता का नाम अजितशत्रु और माता का नाम विजया था। अजितनाथ का चिन्ह हाथी था। भारत के मंडल अध्यक्ष प्रशांत जैन, वर्षीय श्री दिगंबर जैन महासमिति ने कहा कि जैन धर्म का त्याग से गहरा संबंध है। उन्होंने कहा कि भगवान अजित की कुल आयु 72 लाख पहले थी। इस अवसर पर ममता जैन, रीता जैन, रेखा जैन, सोनिल जैन, अनुपम जैन, अविरल जैन आदि उपस्थित थे। बातचीत ।
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