समाचार सुनें समाचार सुनें बिनोली। बरनावा स्थित जैन श्री चंद्रप्रभु दिगंबर मंदिर में गुरुवार को माघ मास में पर्युषण पर्व पर आयोजित दशलक्षण उत्सव में भक्तों ने पूर्ण सत्य धर्म ग्रहण किया। भगवान चंद्रप्रभु की दस कुंओं से पूजा की। पंडित प्रदीप पीयूष शास्त्री ने कहा कि जब तक आत्मा की बुद्धि प्रत्येक सांसारिक प्राणी के भौतिक शरीर में रहती है, तब तक आत्मा मिथ्या अवस्था में रहती है, तब तक उसे बहिरात्मा कहा जाता है। बाहरी आत्मा हमेशा दुख के परिणामों में आनन्दित होती है। वह पांच इंद्रियों से जुड़ा हुआ है। आचार्य सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य आदि का पालन नहीं करते। अधिक अधिकार और अधिक दीक्षा। तेज करता है। वह बांधता है और हमेशा नए कर्मों के बारे में खुश रहता है। अतिवादी एक झूठी दृष्टि है, शरीर और आत्मा को एक के रूप में गिनना। उन्हें जीवित तत्वों की प्रकृति का कोई ज्ञान नहीं था। उसकी इच्छाएँ प्रबल होती जा रही हैं, इच्छा का विषय अज्ञात है। आत्मा परमात्मा है। पूजा में सरिता जैन, पायल जैन, लोकेश जैन, मुकेश जैन, विशांत जैन मौजूद थे। बिनोली। बरनावा स्थित जैन श्री चंद्रप्रभु दिगंबर मंदिर में गुरुवार को माघ मास में पर्युषण पर्व पर आयोजित दशलक्षण उत्सव में भक्तों ने पूर्ण सत्य धर्म ग्रहण किया। भगवान चंद्रप्रभु की दस कुंओं से पूजा की। पंडित प्रदीप पीयूष शास्त्री ने कहा कि जब तक आत्मा की बुद्धि प्रत्येक सांसारिक प्राणी के भौतिक शरीर में रहती है, तब तक आत्मा मिथ्या अवस्था में रहती है, तब तक उसे बहिरात्मा कहा जाता है। बाहरी आत्मा हमेशा दुख के परिणामों में आनन्दित होती है। वह पांच इंद्रियों से जुड़ा हुआ है। आचार्य सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य आदि का पालन नहीं करते। अधिक अधिकार और अधिक दीक्षा। तेज करता है। वह बांधता है और हमेशा नए कर्मों के बारे में खुश रहता है। अतिवादी एक झूठी दृष्टि है, शरीर और आत्मा को एक के रूप में गिनना। उन्हें जीवित तत्वों की प्रकृति का कोई ज्ञान नहीं था। उसकी इच्छाएँ प्रबल होती जा रही हैं, इच्छा का विषय अज्ञात है। आत्मा परमात्मा है। पूजा में सरिता जैन, पायल जैन, लोकेश जैन, मुकेश जैन, विशांत जैन मौजूद थे। ,
नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करे और ज्वाइन करें हमारा टेलीग्राम ग्रुप और उत्तर प्रदेश की ताज़ा खबरों से जुड़े रहें |
>>>Click Here to Join our Telegram Group & Get Instant Alert of Uttar Prdaesh News<<<