समाचार सुनें समाचार सुनें जो सुख, समृद्धि और सभी दुखों का नाश करने वाला है, यह महापर्व गोला गोकर्णनाथ होने जा रहा है। भगवान शिव और माता पार्वती के पावन मिलन महाशिवरात्रि का पर्व 1 मार्च को शिव योग में मनाया जाएगा। इस दौरान छोटी काशी में भी कई कार्यक्रम होंगे। ज्योतिषाचार्य पंडित रामदेव मित्र शास्त्री के अनुसार शिव योग महाशिवरात्रि के दिन रात 10 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर पूरे दिन चलेगा। 02 मार्च को सुबह 08:10 बजे तक शिव योग रहेगा। इस दिन व्रत रखकर 2 मार्च को सुबह 06:45 बजे पारण करना होगा। महाशिवरात्रि के पहले प्रहर का पूजन 1 मार्च को शाम 6 बजकर 21 मिनट से रात 9 बजकर 27 मिनट तक है. द्वितीय प्रहर की पूजा 1 मार्च की रात 9:27 बजे से 12 बजकर 33 मिनट तक होगी. तीसरे प्रहर की पूजा 1 मार्च को दोपहर 12:33 बजे से 3:39 बजे तक की जा सकती है. चौथा प्रहर 2 मार्च की सुबह 3:39 मिनट से 6:45 मिनट तक किया जा सकता है. यह घटित हो राहा है। इसकी तैयारी दो दिन पहले से शुरू हो जाती है। शिव भक्त अबीर गुलाल को गाकर, नाचते, गाते हुए, रात के चारों घंटे भगवान शिव की पूजा और श्रृंगार करते हैं। महाशिवरात्रि पर यहां शहरों और दूरदराज के इलाकों से शिव भक्त जुटते हैं। गोकर्ण मंदिर में भव्य दीप्यज्ञगोला को छोटी काशी कहा जाता है। महाशिवरात्रि पर विजय का विहंगम रूप देखने को मिलता है। भव्य दीप यज्ञ में गोकर्ण तीर्थ में हजारों दीपों को सजाया जाता है। वर्ष 2012 में तत्कालीन एसडीएम आईएएस शंभू कुमार ने नीलकंठ मैदान में महाशिवरात्रि पर होने वाले रुद्राभिषेक के विधान के लिए गोकर्ण तीर्थ के पास नीलकंठ मैदान में महा रुद्राभिषेक की परंपरा शुरू की थी। जो और बड़ा होता जा रहा है। आयोजक पंडित रामदेव मिश्र शास्त्री और अतुल अग्रवाल ने बताया कि इस बार भी 151 पार्थिव शिवलिंग से महारुद्राभिषेक कराने की योजना बनाई गई है. सुख-समृद्धि और सभी दुखों का नाश करने वाला यह महान पर्व गोला गोकर्णनाथ है। भगवान शिव और माता पार्वती के पावन मिलन महाशिवरात्रि का पर्व 1 मार्च को शिव योग में मनाया जाएगा। इस दौरान छोटी काशी में भी कई कार्यक्रम होंगे। ज्योतिषाचार्य पंडित रामदेव मित्र शास्त्री के अनुसार शिव योग महाशिवरात्रि के दिन रात 10 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर पूरे दिन चलेगा। 02 मार्च को सुबह 08:10 बजे तक शिव योग रहेगा। इस दिन व्रत रखकर 2 मार्च को सुबह 06:45 बजे पारण करना होगा। महाशिवरात्रि के पहले प्रहर का पूजन 1 मार्च को शाम 6 बजकर 21 मिनट से रात 9 बजकर 27 मिनट तक है. द्वितीय प्रहर की पूजा 1 मार्च की रात 9:27 बजे से 12 बजकर 33 मिनट तक होगी. तीसरे प्रहर की पूजा 1 मार्च को दोपहर 12:33 बजे से 3:39 बजे तक की जा सकती है. चौथा प्रहर 2 मार्च की सुबह 3:39 मिनट से 6:45 मिनट तक किया जा सकता है. शिव पार्वती का विवाह गोला शिव मंदिर में होगा। शहर के पौराणिक शिव मंदिर में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह का भव्य उत्सव सदियों से चला आ रहा है। इसकी तैयारी दो दिन पहले से शुरू हो जाती है। शिव भक्त अबीर गुलाल को गाकर, नाचते, गाते हुए, रात के चारों घंटे भगवान शिव की पूजा और श्रृंगार करते हैं। महाशिवरात्रि पर यहां शहरों और दूरदराज के इलाकों से शिव भक्त जुटते हैं। गोकर्ण मंदिर में भव्य दीप यज्ञ होता है, जिसे छोटी काशी कहा जाता है। महाशिवरात्रि पर विजय का विहंगम रूप देखने को मिलता है। भव्य दीप यज्ञ में गोकर्ण तीर्थ में हजारों दीपों को सजाया जाता है। जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। महाशिवरात्रि पर होने वाले रुद्राभिषेक विधान के लिए पुराणों में नीलकंठ मैदान में भव्य पार्थिव शिवलिंग महारुद्राभिषेक वर्ष 2012 में तत्कालीन एसडीएम आईएएस शंभू कुमार ने गोकर्ण तीर्थ के निकट नीलकंठ मैदान में महा रुद्राभिषेक की परंपरा की शुरुआत की थी। , जो अधिक से अधिक भव्य होता जा रहा है। है। आयोजक पंडित रामदेव मिश्र शास्त्री और अतुल अग्रवाल ने बताया कि इस बार भी 151 पार्थिव शिवलिंग से महारुद्राभिषेक कराने की योजना बनाई गई है. ,
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