राम-कृष्ण परमहंस जयंती मनाई गई

राम-कृष्ण परमहंस जयंती मनाई गई

राम-कृष्ण परमहंस जयंती मनाई गई


समाचार सुनें समाचार सुनें रामपुर। श्री रामकृष्ण परमहंस की जयंती श्रीत्रिपुरेश्वरी शक्तिपीठ और श्री भारतीय महायोग अनुसंधान संस्थान शक्तिपुरम में धूमधाम से मनाई गई। श्री रामकृष्ण देव की साधना ब्रह्म मुहूर्त में प्रारंभ हुई। जैसे ही मंदिर के कपाट खोले गए, मंगला आरती की गई, साथ ही उनके अवतार रूप की पूजा के लिए धूप, दीप और अक्षत से पूजा शुरू की गई। श्री यंत्र से श्री रामकृष्ण परमहंस की षोडशोपचार पूजा की गई। वैदिक मंत्रों का आह्वान किया गया। देवता की पूजा के साथ ही दूध, दही, घी, शहद और चीनी से स्नान कराकर पंचामृत स्नान कराया गया। महाशक्ति मां शारदा और मुख्य पार्षद स्वामी विवेकानंद की भी पूजा की गई। दोपहर में भजन कीर्तन जारी रहा। पूरा दिन ध्यान और ध्यान में बीता, मधुर संगीत और व्याख्यान के माध्यम से उनके दिव्य चरित्र का विश्लेषण किया गया। श्री रामकृष्ण लीलामृत और श्री रामकृष्ण वचनामृत के प्रमुख अंशों का पाठ किया गया। शाम के समय कई साधकों ने उनकी दिव्य दिव्यता पर वक्तव्य दिया। इस दौरान पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. राधेश्याम वसंतेय ने कहा कि उनके ध्यान से ही हर धर्म का व्यक्ति ब्रह्महत्व का सहज ज्ञान प्राप्त कर सकता है। विमला शर्मा, आचार्य आभास अवस्थी, अभिषेक मिश्रा आदि उपस्थित थे। संवाद रामपुर। श्री रामकृष्ण परमहंस की जयंती श्रीत्रिपुरेश्वरी शक्तिपीठ और श्री भारतीय महायोग अनुसंधान संस्थान शक्तिपुरम में धूमधाम से मनाई गई। श्री रामकृष्ण देव की साधना ब्रह्म मुहूर्त में प्रारंभ हुई। जैसे ही मंदिर के कपाट खोले गए, मंगला आरती की गई, साथ ही उनके अवतार रूप की पूजा के लिए धूप, दीप और अक्षत से पूजा शुरू की गई। श्री यंत्र से श्री रामकृष्ण परमहंस की षोडशोपचार पूजा की गई। वैदिक मंत्रों का आह्वान किया गया। देवता की पूजा के साथ ही दूध, दही, घी, शहद और चीनी से स्नान कराकर पंचामृत स्नान कराया गया। महाशक्ति मां शारदा और मुख्य पार्षद स्वामी विवेकानंद की भी पूजा की गई। दोपहर में भजन कीर्तन जारी रहा। पूरा दिन ध्यान और ध्यान में बीता, मधुर संगीत और व्याख्यान के माध्यम से उनके दिव्य चरित्र का विश्लेषण किया गया। श्री रामकृष्ण लीलामृत और श्री रामकृष्ण वचनामृत के प्रमुख अंशों का पाठ किया गया। शाम के समय कई साधकों ने उनकी दिव्य दिव्यता पर वक्तव्य दिया। इस दौरान पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. राधेश्याम वसंतेय ने कहा कि उनके ध्यान से ही हर धर्म का व्यक्ति ब्रह्महत्व का सहज ज्ञान प्राप्त कर सकता है। विमला शर्मा, आचार्य आभास अवस्थी, अभिषेक मिश्रा आदि उपस्थित थे। बातचीत ।

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