
Chandra Grahan 2022: आज कितने बजे लगेगा चंद्रग्रहण और कब से शुरू होगा सूतक काल
साल 2022 का आखिरी ग्रहण कब से शुरू होगा, सूतक काल कब से शुरू होगा और इससे जुड़े क्या नियम हैं, जानने के लिए इस लेख को जरूर पढ़ें।
चंद्र ग्रहण कब शुरू होगा
चंद्र ग्राहम 2022 प्रारंभ और समाप्ति समय: हिंदू धर्म में बहुत ही अशुभ माने जाने वाले चंद्र ग्रहण की घटना आज यानी 8 नवंबर 2022 को होगी। यह साल 2022 का आखिरी ग्रह है, जिसका सूतक काल सुबह 09:21 बजे से शुरू होकर अंत तक रहेगा। ग्रहण। ज्योतिषियों के अनुसार 15 दिन में दूसरी बार लगने वाला यह ग्रहण बेहद प्रतिकूल माना जा रहा है। वाराणसी के सुप्रसिद्ध ज्योतिषी पं. दीपक मालवीय के अनुसार वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण मेष राशि में होगा, जो दोपहर 02:41 बजे शुरू होकर शाम 06:20 बजे तक रहेगा, लेकिन यह रहेगा अमेरिका में पूर्ण चंद्रग्रहण के रूप में देखा जा रहा है। चूंकि चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार दोपहर से शुरू होगा, उस समय यह भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन जैसे ही सूर्य ढल जाएगा और चंद्रमा उदय होगा, यह चंद्र ग्रहण दिखाई देगा।
भारत में कब शुरू होगा चंद्र ग्रहण?
पं. दीपक मालवीय के अनुसार, भारत में चंद्र ग्रहण शाम 05:32 बजे चंद्रोदय के साथ शुरू होगा और शाम 06:20 बजे समाप्त होगा। भारत के कुछ हिस्सों में यह चंद्र ग्रहण चांद निकलने के बाद अलग-अलग समय पर दिखाई देगा।
सूतक काल कब से शुरू होगा? 09:21
चंद्र ग्रहण शुरू (चंद्रोदय के साथ)- 05:32 बजे (देश की राजधानी दिल्ली के समय के अनुसार)
चंद्र ग्रहण का अंत 18:18
चंद्र ग्रहण की अवधि 45 मिनट 48 सेकंड
सूतक काल क्या था
हिंदू धर्म में किसी भी ग्रहण को एक अशुभ घटना माना जाता है, इससे पहले सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू होता है और चंद्र ग्रहण के अंत में ही समाप्त होता है। हिंदू मान्यता के अनुसार ग्रहण से पहले इस सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस दौरान भी चंद्र ग्रहण के सभी नियमों का पालन किया जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार किसी भी ग्रहण में सूतक काल में किए गए कार्य में अपशकुन या दुर्भाग्य की संभावना रहती है।
सूतक काल नियम
चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल में खाना बनाना और खाना मना है, लेकिन बच्चों, बीमारों और बुजुर्गों के लिए यह नियम केवल एक प्रहर यानी तीन घंटे के लिए ही मान्य है। वहीं इस सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण से जुड़े सभी नियमों का विशेष रूप से पालन करने के लिए कहा गया है, क्योंकि इससे गर्भ में पल रहे शिशु पर इसका बुरा असर पड़ने की संभावना बनी रहती है. सूतक काल की समाप्ति पर व्यक्ति को स्नान, ध्यान, पूजा, दान आदि करके ताजा भोजन करना चाहिए।
(यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यता और लोकप्रिय मान्यता पर आधारित है, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसे सामान्य रुचि को ध्यान में रखते हुए यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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