
हिंदी-भोजपुरी रैप सॉन्ग से शुरुआत किया था करियर, कहा- मैं कभी हार नहीं मानी | Gaya’s Jyothika made a different identity in the film city
पटना2 घंटे पहले
बिहार के गया से निकलकर ज्योतिका पासवान आज फिल्म नगरी में अपनी एक अलग पहचान बना ली है। ज्योतिका ने अपने करियर की शुरुआत 20 साल की उम्र में हिंदी-भोजपुरी रैप सॉन्ग और भोजपुरी कंटेंट क्रिएटर से की थी और आज जी गंगा द्वारा प्रसारित शो मेम साहब नंबर 1 (चलनी के चालल बबुनी) की विजेता बन गई है। विजेता बनने के बाद ज्योतिका को 500000 का चेक दिया गया। सभी प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए ज्योतिका ने यह खिताब अपने नाम कर पूरे बिहार का नाम रोशन किया है।
कैसा रहा मेम साब नंबर 1 का सफर
भास्कर से बातचीत में ज्योतिका ने बताया कि मेमसाब नंबर वन का सफर बहुत ही खूबसूरत रहा है हालांकि मुझे स्ट्रगल भी बहुत करना पड़ा। क्योंकि यह 13 हफ्ता का शो था जिसमें मैं एक घर में बंद थी। मेरी तबीयत भी खराब हो जाती थी फिर भी मैं हार नहीं मानी और अपना अच्छा प्रदर्शन देती रही क्योंकि मुझे जीतना था और मैं बहुत खुश हूं कि इतनी मेहनत करने के बाद आज मैंने यह खिताब जीता है।
समाज वालों का ताना सुनने के बाद भी आगे बढ़ती नहीं
ज्योतिका ने बताया कि छोटे से शहर से निकलकर फिल्म नगरी तक पहुंचने का सफर कितना मुश्किल रहा है। ज्योतिका का कहना है कि अगर हम फिल्मी दुनिया में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले हमारा समाज ही हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है। समाज वालों ने एक नजरिया बना लिया है उन्हें ऐसा लगता है कि अगर लड़कियां सोशल साइट पर कुछ कर रही है तो वह गलत है तो ऐसे में मुझे हमेशा ताना सुनने को मिला लेकिन मैं फिर भी इन सब को अनसुना कर आगे बढ़ती रही।
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