एक्सपर्ट का मानना है कि 100 रूपये पर तो दिक्कत होने लगी है. इसका कोई तुक तो बनता नहीं है. 100 रूपये के दाम में 72 रूपये तो टैक्स है. रेवेन्यू का सारा सोर्स सरकारों ने पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) पर डाल दिया है. दूसरा, तेल कीमतों के बढ़ने का कोई व्यापक विरोध नहीं हो रहा है. तेल कंपनियों (Oil Companies) के दफ्तर पर जाकर कितने लोगों ने यह बात पूछी होगी